राज कपूर -  गर्म गोश्त का सौदागर

राज कपूर जो रोमांटिक और सेंसुअल दृश्यों के जादूगर माने जाते थे उन्होंने साल 1970 में अपनी महत्वाकांक्षी फ़िल्म 'मेरा नाम जोकर' बनाई जिसमें बोल्ड दृश्यों को प्रमुखता से रखा गया

यह फ़िल्म भले ही आज कल्ट क्लासिक मानी जाती है लेकिन उन दिनों इस फ़िल्म में अभिनेत्रियों पद्मिनी और सिमी गरेवाल पर फ़िल्माए गए दृश्यों की कड़ी आलोचना हुई थी ।

कई फ़िल्मी मैगजीन्स ने तो राज कपूर को 'गर्म गोश्त का सौदागर' तक कह डाला था । हालाँकि उन पर इन बातों का कोई असर नहीं हुआ और अपनी अगली ही फ़िल्म बॉबी में डिंपल कपाड़िया जैसी कमसिन अदाकारा को बिकनी में दिखाया

दुनिया जिसे अश्लील कह रही थी राज कपूर उसे कला मानते थे और इसी से वशीभूत होकर साल 1977 में उन्होंने दर्शकों के आगे 'सत्यम शिवम सुंदरम' नामक फ़िल्म रखी जिसमें ज़ीनत अमान ने खुल कर अंग प्रर्दशन किए 

राज कपूर ने कभी भी क्रिटिक्स और रूढ़िवादी लोगों की परवाह नहीं की, यहाँ तक की उन्होंने अपने जीवन की अंतिम फ़िल्म 'राम तेरी गंगा मैली' में अभिनेत्री मंदाकिनी पर ऐसे-ऐसे दृश्य फ़िल्माए जिसने उन दिनों परदे पर आग लगा दी थी ।